मंगलवार 2 दिसंबर 2025 - 20:23
स्वतंत्र फ़िलिस्तीन की स्थापना ही संघर्ष का एकमात्र रास्ता है। पोप लियो

हौज़ा / कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप लियो ने स्वतंत्र फ़िलिस्तीन की स्थापना के मुद्दे पर अपनी स्पष्ट राय को दोहराते हुए कहा कि, फिलिस्तीनियों और इज़रायल के बीच दशकों से जारी संघर्ष को समाप्त करने का एकमात्र व्यावहारिक रास्ता दो-राज्य समाधान, यानी स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना ही है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप लियो ने स्वतंत्र फ़िलिस्तीन की स्थापना के मुद्दे पर अपनी स्पष्ट राय को दोहराते हुए कहा कि, फिलिस्तीनियों और इज़रायल के बीच दशकों से जारी संघर्ष को समाप्त करने का एकमात्र व्यावहारिक रास्ता दो-राज्य समाधान, यानी स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना ही है।

रविवार को अपने बयान में पोप ने कहा कि वेटिकन ने बार-बार स्पष्ट रूप से इस समाधान का समर्थन किया है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि, दो राज्यों की स्थापना ही वह यथार्थवादी मार्ग है जो इस खूनी संघर्ष को समाप्त कर स्थायी शांति की नींव रख सकता है।

पोप लियो ने आगे कहा कि हम अच्छी तरह जानते हैं कि इस समय इज़रायल इस समाधान को स्वीकार करने से इनकार कर रहा है। इसके बावजूद हम इसे ही एकमात्र ऐसा मार्ग मानते हैं जो इस लगातार होने वाले अत्याचार को रोक सकता है और पीड़ित फिलिस्तीनी जनता को शांति और स्वतंत्रता के पल दे सकता है।

इस दौरान पोप लियो ने रविवार को बेरुत पहुँचने के तुरंत बाद लेबनानी नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने देश में रहने का साहस दिखाएँ, जो आर्थिक और राजनीतिक संकट में डूबा हुआ है और जिसके कारण युवाओं का पलायन बढ़ गया है। उन्होंने साझा भविष्य के लिए समझौते और मेल-मिलाप की अहमियत पर जोर दिया।

रविवार को पोप लियो लेबनान की राजधानी बेरुत में भी थे, जहाँ उन्होंने लेबनान की सरकार और जनता को महत्वपूर्ण सलाह दी। बेरुत के पास राष्ट्रपति भवन में अधिकारियों के सामने अपने पहले भाषण में पोप ने कहा कि कुछ पल ऐसे होते हैं जब भाग जाना आसान लगता है या कहीं और चले जाना बेहतर होता है। देश में रहना या लौटना साहस और दूरदर्शिता मांगता है।

पोप लियो के पहुँचने से कुछ घंटे पहले एयरपोर्ट से राष्ट्रपति भवन जाने वाली सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग जमा थे। लोग लेबनान और वेटिकन के झंडे लहरा रहे थे। 70 वर्षीय पोप मंगलवार तक लेबनान के पाँच शहरों और कस्बों का दौरा करेंगे और फिर रोम वापस जाएंगे।

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